
Bhima Koregaon Case: सुप्रीम कोर्ट का एल्गार परिषद मामले में सुधा भारद्वाज को जमानत देने से इनकार
भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में आरोपी सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj) की मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को सुनवाई से इनकार कर दिया है। भारद्वाज की ओर से मेडिकल आधार पर जमानत की याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा है कि उनके पास एक अच्छा मामला है और उन्हें मेरिट के आधार पर जमानत याचिका दाखिल करनी चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर ने कहा कि भारद्वाज दो साल से भी ज्यादा समय से जेल में बंद हैं और इस मामले में अभी तक आरोप भी तय नहीं हुये हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के पास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। सुधा भारद्वाज की सेहत का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि आरोपी शूगर और कई दूसरी बीमारियों से जूझ रही हैं।
NIA ने जमानत का किया था विरोध
अदालत में सरकार ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया जाएगा, जैसा कि इस मामले के दूसरे आरोपी वरवर राव मामले में किया गया था। इससे पहले एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका का NIA ने विरोध किया था। एजेंसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि उनकी बीमारी गंभीर प्रकृति की नहीं हैं। उसने यह भी कहा कि भायखला जेल के अधिकारी भारद्वाज की चिकित्सा जरूरतों को देखने के लिए सक्षम हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
28 अगस्त को एल्गार परिषद मामले की आरोपी प्रोफेसर सुधा भारद्वाज की अंतरिम जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। सुधा भारद्वाज भायखला महिला जेल में बंद हैं। स्वास्थ्य कारणों से भारद्वाज ने जमानत की अपील की थी। अदालत ने राज्य सरकार के दायर हलफनामे पर विचार किया, जिसमें 21 अगस्त की नवीनतम चिकित्सा रिपोर्ट शामिल थी. रिपोर्ट में उनका स्वास्थ्य सामान्य बताया गया है।